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इस मंदिर के ऊपर से कोई विमान या पक्षी नहीं उड़ सकता, जहां झंडा हवा के खिलाफ फहराता है

जगन्नाथ पुरी मंदिर की महिमा और चमत्कार दुनिया भर में मशहूर हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर के ऊपर से कोई भी विमान या पक्षी नहीं उड़ सकता। इसके अलावा इस मंदिर का झंडा हवा के खिलाफ फहराता है।

जगन्नाथ पुरी चार धामों में से एक है। इस मंदिर की महिमा और चमत्कार दुनिया भर में मशहूर हैं। यहां साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है। जानिए जगन्नाथ मंदिर से जुड़े आश्चर्यजनक तथ्य और आश्चर्यजनक चमत्कारों के बारे में। यह हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थान है।

मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ पाता है कोई भी विमान

इसे नीलचक्र कहते हैं। इसलिए कोई भी विमान इस मंदिर के ऊपर से उड़ान नहीं भर सकता है। ऐसे में अन्य पक्षी इस मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ते। गरुड़ को पक्षियों का राजा माना जाता है। वहीं, जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऊपरी हिस्से में आठ धातुओं से बना एक घेरा बना हुआ है। जगन्नाथ पुरी मंदिर के बारे में यह माना जाता है कि इसकी देखभाल गरुड़ पक्षी द्वारा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि यह चक्र मंदिर के ऊपर से उड़ने वाले हवाई जहाजों में रुकावट पैदा करता है।

हवा के विपरीत दिशा में लहराता है झंडा

लेकिन इस मंदिर के शीर्ष पर लगा झंडा हवा के विपरीत दिशा में फहराता है। आमतौर पर कोई भी झंडा हवा के हिसाब से फहराया जाता है। झंडे के इस रहस्य से वैज्ञानिक भी हैरान हैं।

मंदिर का प्रवेश द्वार है अद्भुत

लेकिन जैसे ही आप मंदिर में प्रवेश करते हैं, लहरों का शोर समाप्त हो जाता है। जगन्नाथ पुरी मंदिर में चार दरवाजे हैं। मुख्य द्वार को सिंहद्वारम कहा जाता है। कहा जाता है कि इस द्वार से मंदिर के प्रवेश द्वार पर समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई देती है।

प्रसादम पकाने की परंपरा है अनोखी

उसके बाद क्रमशः अन्य बर्तनों का प्रसाद तैयार किया जाता है। हैरानी की बात यह है कि प्रसाद को पकाने के लिए जली हुई लकड़ी का उपयोग किया जाता है। भगवान को प्रसाद चढ़ाने के लिए प्रसादम पकाने की परंपरा है। प्रसादम पकाने के लिए सात बर्तन एक दूसरे पर रखे जाते हैं। सबसे पहले सबसे ऊपर के बर्तन का प्रसाद तैयार किया जाता है।

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